Wednesday, November 2, 2011

यूँ ही चलते चलते मुस्कराकर देखा जो मेरे गुलाबों को, 
फूलों के साथ साथ मुझे  भी नई ज़िन्दगी मिल गयी.


Sunday, September 4, 2011

""अपने रुख पर निगाह करने दो,
 एक खूबसूरत गुनाह करने दो
 रुख से पर्दा हटाओ जानेमन 
. आज इस दिल को तबाह करने दो""

Friday, August 26, 2011

 जब जब किरणों ने जाल फैलाया है,
 अँधेरा भी मुह छुपाकर भागता नज़र आया है,
करते रहो तुम संघर्ष मेरे दोस्तों,
 हम सभी के नाम का सूरज निकल आया है..
 जय हिंद --------------------जय भारत

Wednesday, August 24, 2011

भ्रष्टाचार पर हल्ला बोल, 
  धृतराष्ट्र अब तो आँखें खोल
 

Tuesday, August 23, 2011

Ru

 होंटो पे तबस्सुम का उजाला नहीं देखा,
 मुद्दत से किसी शख्स को हँसते नहीं देखा

Sunday, July 31, 2011

मेरे दिल के सहर में आना मना है सावधान ,
आपने यह क्यूँ लगा रखा है बैनर देखिये.
"""अगर हो रास्ते दो एक तो फिर तुमको गिनाये हम,
जिगर में दर्द आता है न जाने किस किस बहाने से."""

Thursday, July 28, 2011

""साए की तरह साथ रहा तेरा तसुव्वर ,
तन्हाई भी हमने कभी तन्हा न गुजारी."""
""नहीं मालूम की अब क्या हो हमारा अंजाम,
एक पत्थर का सनम हमने बना रखा है."""

Saturday, June 25, 2011

कैसे करू उस इश्क की इबादत जो,
   लिबास-ए-जिस्म की तरह बदल जाता है,

Wednesday, June 22, 2011

Sirf tum

यूँ पेड़ से लिपटी बेल को देखा,
तो सोचा की काश तुम भी,
एक बार मुझे देख लेती,
सर से लेकर पाँव तक,
सिर्फ और सिर्फ  प्यार हूँ मैं,
काश एक बार सीने से लगा लेती, 
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा बेकरार हूँ
शायद यही है मेरी अधूरी,
इच्छा.................................................

Saturday, June 4, 2011

तुम्हारे रुखसार पर गिरी जुल्फें ,
 मुझे बेपरवाह दीवाना कर गयी ,
कम से कम आजमा कर भी देख लो,
  मैं हकीकत  हूँ या अफसाना हूँ,

Thursday, June 2, 2011

वो आती है रोज़ मेरी मेरी कब्र पर,
   अपने हमसफ़र के साथ,
कौन कहता है कि दफ़नाने के बाद,
  जलाया नहीं जाता.............................

Monday, May 30, 2011

थक गयी है मेरी निगाहें अजन्बिओं में सफ़र करते करते,
न जाने किस मोड़ पर  वोह चेहरा -ए- मंजिल मिलेगी,

Wednesday, May 18, 2011

किस नज़र से आज वो देखा किये, 
     दिल मेरा डूबा किया उछला किया.
अपनी मिटटी पे ही चलने का सलीका सीखो,
 संगमरमर पे चलोगे तो फिसल जाओगे,